Stream music and podcasts FREE on Amazon Music. No credit card required.Listen free 47कबीर दोहा - निंदक नियेरे राखिये, आँगन कुटी छावायें | बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाए ||
48कबीर दोहा - बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय | जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय ||
49कबीर दोहा - जल में बसे कमोदनी, चंदा बसे आकाश | जो है जा को भावना सो ताहि के पास ||
50कबीर दोहा - प्रेम न बारी उपजे, प्रेम न हाट बिकाए | राजा प्रजा जो ही रुचे, सिस दे ही ले जाए ||
51कबीर दोहा - जिन घर साधू न पुजिये, घर की सेवा नाही | ते घर मरघट जानिए, भुत बसे तिन माही ||
52कबीर दोहा - जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही | सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही ||
53कबीर दोहा - प्रेम पियाला जो पिए, सिस दक्षिणा देय | लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम का लेय ||
54कबीर दोहा - कबीरा ते नर अँध है, गुरु को कहते और । हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर ॥
55कबीर दोहा - कबीर सुता क्या करे, जागी न जपे मुरारी | एक दिन तू भी सोवेगा, लम्बे पाँव पसारी ||
56कबीर दोहा - ऊँचे कुल का जनमिया, करनी ऊँची न होय | सुवर्ण कलश सुरा भरा, साधू निंदा होय ||
57कबीर दोहा - ज्यों नैनन में पुतली, त्यों मालिक घर माँहि. मूरख लोग न जानिए , बाहर ढूँढत जाहिं
58कबीर दोहा - कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे हम रोये, ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये
59कबीर दोहा - जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ
60कबीर दोहा - दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त, अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत
61कबीर दोहा - अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप
62कबीर दोहा - कहत सुनत सब दिन गए, उरझि न सुरझ्या मन, कही कबीर चेत्या नहीं, अजहूँ सो पहला दिन
63कबीर दोहा - बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि, हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि
64कबीर दोहा - हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना, आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए, मरम न कोउ जाना
65कबीर दोहा - कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर
66कबीर दोहा - जब गुण को गाहक मिले, तब गुण लाख बिकाई, जब गुण को गाहक नहीं, तब कौड़ी बदले जाई
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